भारत को अभी सच्ची स्वतन्त्रता की लडाई लड़नी शेष है
भारत को तो अभी सच्ची स्वतन्त्रता की लडाई लड़नी शेष है,
वो भी अपने लालची, स्वार्थी, सत्ता का भूखे नेताओं से अभी तो अंग्रेजी नियमों को उनके बचे कार्यो को स्वदेशी स्वार्थी नेता पूर्ण कर रहे है, स्वतन्त्र भारत का सपना टूटने से पहले हमे सचेत रहकर शीघ्र, अतिशीघ्र, तीव्र- अति तीव्र गति से तूफानी आन्दोलन करना पड़ेगा नही तो भारत की शक्ति का दुरुपयोग करके विश्व आनन्द लेने को तैयार है हर नागरिक को मानना होगा कि हम सर्वोत्तम है, और मै ही अकेला अपने भारत को सर्वोच्च शिखर पर पहँुचा सकता हूँ। मेरा धर्म-भारतीय, मेरा कर्म-भारत सेवा, मेरी जाति-भारतीय, हम ही विश्व के रक्षक है, क्योकि हम सबसे महान राष्ट्र के निवासी है, मैं भारतवीर हूँ।
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home